बचपन में जब रोते थे तब सोचते थे SHARE FacebookTwitter बचपन में जब रोते थे तब सोचते थे... बस माँ देख ले ताकि जिस चीज के लिए रो रहे है, "वो दिला दे..." आज रोते है तो सोचते है, बस माँ ना देख ले... "वजह पूछेगी तो क्या बताएँगे...More SHARE FacebookTwitter
जिंदगी की बैंक में जब " प्यार " का " बैलेंस " कम हो जाता है तब " हंसी खुशी " के चेक बाउं.......Read Full Message