उमीदों को तू न तोडना SHARE FacebookTwitter उमीदों को तू न तोडना, न हौंसले तू अब छोड़ना; जब हो राह कठिन और रात घनी; चाहे जो हो तो न रुकना, मंज़िल से तुम मुंह न मोड़ना।More SHARE FacebookTwitter
हर एक महान सपने की शुरुआत एक स्वप्नद्रष्टा से होती है। हमेशा याद रखिये, आपके अन्दर व.......Read Full Message