पर्व है पुरुषार्थ का SHARE FacebookTwitter पर्व है पुरुषार्थ का, दीप के दिव्यार्थ का; देहरी पर दीप जगमग एक जलता रहे; अंधकार से निरंतर युद्ध यह चलता रहे; हारेगी हर बार अंधियारे की घोर-कालिमा; जीतेगी जगमग उजियारे की स्वर्ण-लालिमा; झिलमिल रोशनी में निवेदित दिवाली की शुभकामना।More SHARE FacebookTwitter
दिवाली का त्यौहार बिना पठाखों के मनाना है, सुरक्षित और अच्छे से खुशियाँ मनाना है.......Read Full Message
दीयों की रोशनी से झिलमिलाता आँगन हो, पटाखों की गूंजों से आसमान रोशन हो, ऐसी आ.......Read Full Message