नन्हीं कली खिल चुकी है

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नन्हीं कली खिल चुकी है,
बगिया में तितली गुनगुना रही है,
तू आँख खोल तुझे सुबह जगा रही है,
ख्वाबों की वो गलियाँ सोने जा रही हैं
कह दे अब चंदा को अलविदा,
सुबह तेरे लिए खुशियों का मल्हार गा रही है।
सुप्रभात!

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