एक शराबी आशिक की शायरी:

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एक शराबी आशिक की शायरी:
मैं पीकर नहीं बहकता, बहकता हूँ तो उसे देखकर
बताओ कि शराब हराम है या वो;
तभी अंदर से माँ की आवाज़ आई।
शराब हराम है वो हरामजादी और तू हरामखोर!
कसम से सब साफ़ हो गया।

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