एक कोशिश और कर SHARE FacebookTwitter एक कोशिश और कर, बैठ न तू हार कर; तू है पुजारी कर्म का, थोड़ा तो इंतज़ार कर; विश्वास को दृढ़ बना, संकल्प को कृत बना; एक कोशिश और कर, बैठ न तू हार कर।More SHARE FacebookTwitter
हर एक महान सपने की शुरुआत एक स्वप्नद्रष्टा से होती है। हमेशा याद रखिये, आपके अन्दर व.......Read Full Message