कहां है मेरा वो घर जिसकी तलाश है। ऐ जिंदगी तुम बस झूठी सी आस है।। दर्द

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कहां है मेरा वो घर जिसकी तलाश है। ऐ जिंदगी तुम बस झूठी सी आस है।। दर्द के कोई पैबंद, अगर दे सके तो दे। यूं तन्हा खड़े हुए है लूटने की आस है....

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