जिन्दगी इन्सान को कहाँ से कहाँ ले आती है

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जिन्दगी इन्सान को कहाँ से कहाँ ले आती है, एक पल खुशी तो दुसरे पल गम दे जाती है, ♥ चाहते है जिसे दिलो जान सनम, अकसर उसे गम दे जाते है, प्यार करने से रोका नहीँ पर, निभाना है कैसे उससे ये जाना नही, ♥ करके वफाये भी हम उससे, निभाना है कैसे ये हम जानते नही, प्यार तो हम उससे करते बहुत, सनम पर दिखाना हम जानते नही, ♥ चाह कर भी पा ना सके जिसे, उससे अकसर अपना मानते नही, जाने ऐसा क्युँ होता है... ♥ जिन्दगी इन्सान को कहाँ से कहाँ ले आती है, एक पल खुशी तो दुसरे पल गम दे जाती है...!

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