तेरी प्यारी सी मुस्कान मे अपनी खुशियाँ समेटती हूँ

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तेरी प्यारी सी मुस्कान मे अपनी खुशियाँ समेटती हूँ,
तेरी नर्म छूअन से जैसे इंद्रधनुष ही छूती हूँ,
तुझ मे अब मैं जीती हूँ,
नीदों को छोड़कर बाहों को ओढकर,
जैसे खुद ही सिहर उठती हूँ,
तुझ मे अब मैं जीती हूँ.

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