तेरी दोस्ती को ज़िंदगी की जान मानती हूँ लबों की मुस्कुराहट दिल का अरमान मानती हूँ खुदा

SHARE

तेरी दोस्ती को ज़िंदगी की जान मानती हूँ लबों की मुस्कुराहट दिल का अरमान मानती हूँ खुदा के बनाये रिश्ते बहुत अनमोल हैं लेकिन तेरी दोस्ती को अपनी पहचान मानती हूँ सुरूर सा रहता है ख़ुशनसीबी का अपनी हर मुश्क़िल सफ़र की अपने आसान मानती हूँ बस यही दुआ रहती है लब पर तेरे वास्ते उस रब से तेरी खुशियों का सामान मानती हूँ तेज़ धूप में शज़र का साया दीया अंधेरे में चाँद तारों से सजा सिर पे आसमान मानती हूँ तेरी राहों को मोड़ दिया जिसने दिल तक मेरे मैं उस लम्हे उस वक़्त का एहसान मानती हूँ......

SHARE