नर्म नाजुक किसी मखमल की तरह

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नर्म नाजुक किसी मखमल की तरह ,
इधर उधर फिरते हुए बादल की तरह ,,
आँखों में बसाया है तो रखना संभाल कर ,
कहीं बह न जाऊँ मैं काजल की तरह

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