दस्तक हो रही है मेरी दिल के द्वार पे तेरे आहटें हो रही है तेरी दिल के दर

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दस्तक हो रही है मेरी दिल के द्वार पे तेरे आहटें हो रही है तेरी दिल के दर पर मेरे हूँ मैं यहीं कहीं तेरे ही आसपास है तू यहीं कहीं मेरे ही आसपास न तुझको मैं दिखती न मुझको तू दिखता फिर भी न जाने क्यूँ इक अनजाना बंधन महसूस हो रहा है कभी मेरे ख्वाब सा कभी उलझे जवाब सा।

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