जब आसमान की ऊँचाई छूनी हो

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जब आसमान की ऊँचाई छूनी हो,
हर रोज सुबह बुजुर्गो के पैर छु के घर से निकलो,
कही ना कही मंजिल मिल ही जानी हे.

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