चाहते तो हैं कि हर रोज़ सुबह आपको अनमोल खज़ाना भेजूं

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चाहते तो हैं कि हर रोज़ सुबह आपको अनमोल खज़ाना भेजूं; पर मेरे दामन में दुआओं के सिवा कुछ भी नहीं। सुप्रभात!

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