सुबह से शाम तक वाहेगुरु की कृपा

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सुबह से शाम तक वाहेगुरु की कृपा; ऐसे ही गुज़रे हर एक दिन; ना कभी हो किसी से गिला-शिकवा; एक पल ना गुज़रे खुशियों बिन। बैसाखी की लाख-लाख बधाईयाँ!......

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