को काहू को मित्र नहीं SHARE FacebookTwitter को काहू को मित्र नहीं, शत्रु काहू को नाय; अपने ही गुण दोष से, शत्रु मित्र बन जाय। SHARE FacebookTwitter
एक उपहार तभी अच्छी और पवित्र लगता हैं जब वह दिल से किसी सही व्यक्ति को सही समय और सही जगह पर दिया जायें.और .......Read Full Message
मन की गतिविधियों, होश, श्वास, और भावनाओं के माध्यम से भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है;और लगात.......Read Full Message