अगर तुम एक पेंसिल बनकर किसी की खुशियाँ नहीं लिख सकते हो SHARE FacebookTwitter अगर तुम एक पेंसिल बनकर किसी की खुशियाँ नहीं लिख सकते हो; तो कोशिश करो कि एक रबड़ बन के किसी के गम को मिटा दो। शुभ रात्रि! SHARE FacebookTwitter
Zindgi ki rah ma rasty badal jaty hen, waqt ki andhi ma insan badal jaty hen, sochty.......Read Full Message