" इन्सान

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" इन्सान , घर बदलता है ... लिबास बदलता है ... रिश्ते बदलता है ... दोस्त बदलता है ... फिर भी परेशान क्यों रहेता है .... क्योकि वो खुद को नहीं बदलता ... " " उमर भर यही भूल करता रहा , धूल चहेरे पे थी और आयना साफ करता रहा

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