दिल के सागर में लहरे उठाया न करो

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दिल के सागर में लहरे उठाया न करो;
ख्वाब बनकर नींद चुराया न करो;
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को;
तुम ख़्वाबों में यूँ आकर तड़पाया न करो।
शुभ रात्रि।

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