था मैँ निन्द मेँ और मुझे इतना सजाया जा रहा था...
बङे प्यार से मुझे नहलाया जा रहा था...!
✋
ना जाने....
था वो कौन-सा अजब खेल मेरे घर मेँ,
बच्चो की तरह मुझे कन्धेँ पर उठाया जा रहा था...!
✋
था पास मेरा हर अपना उस वक्त...
फिर भी मैँ हर किसी के मन से भुलाया जा रहा था..!
✋
जो कभी देखते भी ना थे मोहब्बत की निगाहोँ से...
उनके दिल से भी प्यार मुझ पर लुटाया जा रहा था ??
✋
मालुम नहीँ क्युँ हैरान था हर कोई मुझे सोते हुये देखकर...
जोर-जोर से रो-कर मुझे जगाया जा रहा था..!
✋
काँप उठी मेरी रुह वो मन्जर देख कर,
जहाँ मुझे हमेशा के लिये सुलाया जा रहा था..!
✋
मोहब्बत की इन्तहा थी जिन दिलोँ मेँ मेरे लियेँ,
उन ही दिलो से आज मैँ एक पल मेँ दुर जा रहा था..!!