तुझे सोचता हूँ मैं शाम और सूबह

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तुझे सोचता हूँ मैं शाम और सूबह,
इससे जादा तुझे और चाहूँ तो क्या ...!
तेरे ही ख्यालों में डूबा रहूँ,,
इससे जादा तुझे और चाहूँ तो क्या...!!

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