परवाह नहीं चाहे ज़माना कितना भी खिलाफ हो

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परवाह नहीं चाहे ज़माना कितना भी खिलाफ हो... चलूँगा उसी राह पे जो सीधा और साफ़ हो और...
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मैख़ाना थोड़ा पास हो!

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