ज़रूरत ही नहीं अलफ़ाज़ की

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ज़रूरत ही नहीं अलफ़ाज़ की;
प्यार तो चीज़ है बस एहसास की;
पास होते तो मंज़र ही क्या होता;
दूर से ही खबर है हमें आपकी हर सांस की।
कृप्या मेरी वैलेंटाइन बन जाइए!

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