ना पापा की मार से

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ना पापा की मार से;
ना दोस्तों की फटकार से;
ना लड़की के इनकार से;
न चप्पलों की बौछार से;
आप जैसे आशिक सुधरेंगे सिर्फ राखी के त्यौहार से!

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