हुस्न और खुशबु का सबब हो तुम SHARE FacebookTwitter हुस्न और खुशबु का सबब हो तुम; ऐसा खिलता हुआ गुलाब हो तुम; तुम जैसा हसीन न होगा इस जहाँ में; तमाम हसीनों में लाजवाब हो तुम।More SHARE FacebookTwitter
प्रेमिका: जब हमारी शादी हो जायेगी! मैं तुम्हारी सारी चिन्तायें और कष्ट बांट लूंगी। प्रेमी: मुझे तुमसे यही उम्मी.......Read Full Message
एक प्रेमी ने अपने प्रेमिका से कहा! मैं तुम्हारी जुल्फों से खेलना चाहता हूँ! प्.......Read Full Message
प्रेमी प्रेमिका को शादी के लिये मना करता हुआ! प्रेमी: भगवान् के लिये कुछ दिन रुक जाओ! मैं तुम्हें .......Read Full Message