सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।

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सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
जय स्कंदमाता!
शुभ नवरात्रि!

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