सजा दरबार है और एक ज्योति जगमगाई है SHARE FacebookTwitter सजा दरबार है और एक ज्योति जगमगाई है; नसीब जागेगा उन जागरण कराने वालों का; नसीब जागेगा जागरण में आने वालों का; वो देखो मंदिर में मेरी माँ मुस्कुराई है। शुभ नवरात्रि!More SHARE FacebookTwitter
सजा द्वार है और एक ज्योति जगमगाई है; नसीब जागेगा उन जागरण कराने वालों का; नसीब जाग.......Read Full Message
माँ का सजा है कितना निराला दरबार, मां सुनती है सब भक्तों की पुकार, पूरे कर दो सा.......Read Full Message
लाल रंग की चुनरी से सजा माँ का दरबार है, हर्षित हुआ मन, पुलकित हुआ संसार है; नन्हें-नन्हें कदमों से मा.......Read Full Message