“तारीख हज़ार साल में बस इतनी सी बदली है… तब दौर पत्थर का था अब लोग पत्थर के हैं SHARE FacebookTwitter “तारीख हज़ार साल में बस इतनी सी बदली है… तब दौर पत्थर का था अब लोग पत्थर के हैं."More SHARE FacebookTwitter
Power of positive thinking. एक मनोवैज्ञानिक स्ट्रेस मैनेजमेंट के बारे में, अपने दर्शकों से मुखातिब था.. उसने पानी से भरा एक ग्लास उठाया... सभी ने समझा की अब "आधा खाली या आधा भरा है".. यही पूछा और स.......Read Full Message