रोजाना पढ़ो और चिंतन करो--- पहला - मरना अवश्य है । दूसरा - साथ कुछ नहीं जाना SHARE FacebookTwitter रोजाना पढ़ो और चिंतन करो--- पहला - मरना अवश्य है । दूसरा - साथ कुछ नहीं जाना है । तीसरा - जो करेगा वो भरेगा । चौथा -जहाँ उलझो वहीं सुलझो । पाँचवा -जो है उसमें संतोष करो । ईश्वर मेरे बिना भी ईश्वर ही है... मगर मैं ईश्वर के बिना कुछ भी नहीं..More SHARE FacebookTwitter
Power of positive thinking. एक मनोवैज्ञानिक स्ट्रेस मैनेजमेंट के बारे में, अपने दर्शकों से मुखातिब था.. उसने पानी से भरा एक ग्लास उठाया... सभी ने समझा की अब "आधा खाली या आधा भरा है".. यही पूछा और स.......Read Full Message