" इन्सान SHARE FacebookTwitter " इन्सान , घर बदलता है ... लिबास बदलता है ... रिश्ते बदलता है ... दोस्त बदलता है ... फिर भी परेशान क्यों रहेता है .... क्योकि वो खुद को नहीं बदलता ... " " उमर भर यही भूल करता रहा , धूल चहेरे पे थी और आयना साफ करता रहाMore SHARE FacebookTwitter
Power of positive thinking. एक मनोवैज्ञानिक स्ट्रेस मैनेजमेंट के बारे में, अपने दर्शकों से मुखातिब था.. उसने पानी से भरा एक ग्लास उठाया... सभी ने समझा की अब "आधा खाली या आधा भरा है".. यही पूछा और स.......Read Full Message