कपड़े हो गए छोटे
लाज कहा से आए
अन्न हो गया हाइब्रिड
ताकत कहा से आए
फूल हो गए प्लास्टिक के
खुशबू कहा से आए
चेहरा हो गया मेकअप का
रूप कहाँ से आए
शिक्षक हो गए टयुशन के
विद्या कहाँ से आए
भोजन हो गए होटल के
तंदरुस्ती कहाँ से आए
प्रोग्राम हो गए केबल के
संस्कार कहाँ से आए
आदमी हो गए पैसे के
दया कहाँ से आए
धंधे हो गए हायफाय
बरकत कहाँ से आए
भक्ति करने वाले स्वार्थी हो गए
भगवान कहाँ से आए
मित्र हो गया व्हाट्सऐप के
मिलने कहाँ से आए