इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले SHARE FacebookTwitter इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले, और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले... 'कर्मो' से ही पहेचान होती है इंसानो की... महेंगे 'कपडे' तो, 'पुतले' भी पहनते है दुकानों में !!More SHARE FacebookTwitter
Power of positive thinking. एक मनोवैज्ञानिक स्ट्रेस मैनेजमेंट के बारे में, अपने दर्शकों से मुखातिब था.. उसने पानी से भरा एक ग्लास उठाया... सभी ने समझा की अब "आधा खाली या आधा भरा है".. यही पूछा और स.......Read Full Message