इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले

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इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले, और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले... 'कर्मो' से ही पहेचान होती है इंसानो की... महेंगे 'कपडे' तो, 'पुतले' भी पहनते है दुकानों में !!

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