अपनी उल्झन में ही अपनी मुश्किलों के हल मिले SHARE FacebookTwitter अपनी उल्झन में ही अपनी मुश्किलों के हल मिले, जैसे टेढ़ी मेढ़ी शाखों पर भी रसीले फल मिले, उसके खारेपन में भी कोई तो कशिश होगी ज़रूर वरना क्यूँ सागर से यूँ जा जाके गंगाजल मिले...More SHARE FacebookTwitter
Power of positive thinking. एक मनोवैज्ञानिक स्ट्रेस मैनेजमेंट के बारे में, अपने दर्शकों से मुखातिब था.. उसने पानी से भरा एक ग्लास उठाया... सभी ने समझा की अब "आधा खाली या आधा भरा है".. यही पूछा और स.......Read Full Message