सुख और दुःख हमारे पारिवारिक सदस्य नहीं SHARE FacebookTwitter सुख और दुःख हमारे पारिवारिक सदस्य नहीं, मेहमान हैं। जो बारी - बारी से आयेंगे, कुछ दिन ठहर कर चले जायेंगे। अगर वो नहीं आयेंगे तो हम अनुभव कहाँ से लायेंगे।More SHARE FacebookTwitter