मेरी रूह का परिंदा फड़फड़ाये SHARE FacebookTwitter मेरी रूह का परिंदा फड़फड़ाये,लेकिन सकून का जजीरा मिल न पाए।प्रश्न: इस कविता में, कवि कहाँ है और क्या कर रहा है?उत्तर: इस कविता में कवि हाईवे पर है और शराब की दुकान ढूंढ रहा है। SHARE FacebookTwitter