इतिहास गवाह है महबूबा किसी की नहीं सुनती चाहे आपकी हो

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इतिहास गवाह है महबूबा किसी की नहीं सुनती चाहे आपकी हो,
हमारी हो या फिर कश्मीर की हो।

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