जान
हाय तेरी आँखें
जिसमे सुंदर संसार नजर आता है।
होंगी उज्जवल हिरणी की आँखे,
पर उसमे विस्मय, तुझमें विश्वास नज़र आता है।
हाय तेरी आँखें,
जो मुझे मेरी मंजिल दिखाती हैं।
बर्फ की धवल कुंडो में,
नीली जल राशि,
जीवन संघर्ष विस्मृत कर, मन मदमस्त कर जाती हैं।
हाय तेरी आँखें,
ऐसा प्रेमपाश छोड़ देती हैं,
जितना भी देखो जी न भरता,
दिन का चैन, रातों की नींद उड़ा ले जाती हैं।
हाय तेरी आँखें ,
गहरा,शांत अनंत समुद्र सा नज़र आता है।
देखो जितनी बार ,
हर बार एक नया रूप उभर कर आता है।