बेटियाँ घर में संगीत की तरह होती हैं ! जब वो बोलती हैं बिना रोक टोक के बोलती

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बेटियाँ घर में संगीत की तरह होती हैं ! जब वो बोलती हैं बिना रोक टोक के बोलती हैं! सभी बोलते हैं " चुप भी करो " और जब वो मौन होती हैं, माँ कहती है " तबीयत ठीक है ना लाडो " पिता कहता है " आज घर में ख़ामोशी क्यों है " भाई कहता है " नाराज़ हो कया " और जब उसकी शादी हो जाती है सभी कहते हैं "ऐसा लगता है घर की रौनक ही चली गई है " निःसंदेह बेटियां घर में अनथक संगीत की तरह हैं !! "सभी नन्हीं , सुन्दर ,भावुक,आज्ञाकार ी एवं होनहार बेटियों को समर्पित !

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