आहट जब भी कोई होती है
दिल धक-धक करने लगता है
तब काली रात के विराने मे
डर मुझे लगने लगता है
सूनसान अंधेरो मे कोई
हर पल जगाती रहती है
न जाने क्यो इस सूनेपन मे
कोई अपना मूझे लगने लगता है
क्यो जागता रहता हूँ अक्सर
कारी -कारी रातो मे
क्या ढूँढता रहता हूँ उसको
जो अपना लगने लगता है/pre>