कमियाँ तो मुझमें भी बहुत ह SHARE FacebookTwitter कमियाँ तो मुझमें भी बहुत हपर मैं बेईमान नहीं।मैं सबको अपना मानता हूँसोचता फायदा या नुकसान नहींएक शौक है ख़ामोशी से जीने काकोई और मुझमें गुमान नहीं।छोड़ दूँ बुरे वक़्त में दोस्तों का साथवैसा तो मैं इंसान नहीं। SHARE FacebookTwitter