होठोँ पे उल्फत के फ़साने नही आते

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होठोँ पे उल्फत के फ़साने नही आते , जो बीत गए फिर वो ज़माने नही आते . दोस्त ही होते हैं दोस्तो के हमदर्द , कोई फ़रिश्ते यहाँ साथ निभाने नही आते ..

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