होली के रंगो सा नहीं कोई विशेष रंग कि लहरें जैसे छेडे़ कोई मीठी तंरग

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होली के रंगो सा नहीं कोई विशेष रंग कि लहरें जैसे छेडे़ कोई मीठी तंरग । सुर और ताल और खूबसूरत साज संग सजे मृदंग । व्रन्दावन में कान्हा संग राधा भी खूब खेले होली कि मन भी रम जाये कि छाये दिल में ऐसी उंमग ।

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