आसमान टेसू हुआ

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आसमान टेसू हुआ, धरती सब पुख़राज; मन सारा केसर हुआ, तन सारा ऋतुराज.. रंग-रंग राधा हुयीं, कान्हा हुए ग़ुलाल; बृज क्षेत्र सब होली हुआ, बृजवासी रचें धमाल.. होली राधा - श्याम की, और न होली कोय; जो मन राचे प्रेम रंग, फ़िर रंग चढ़े न कोय..... मंगलकामनाओं सहित आपको एवं आपके परिवार को होली की रंगबिरंगी शुभकामना आपके बेहतरीन पलो का आकांक्षी

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