अगर तुम एक पेंसिल बनकर किसी की खुशियाँ नहीं लिख सकते हो

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अगर तुम एक पेंसिल बनकर किसी की खुशियाँ नहीं लिख सकते हो; तो कोशिश करो कि एक रबड़ बन के किसी के गम को मिटा दो। शुभ रात्रि!

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