: चार लाइन दोस्तों के नाम- काश फिर मिलने की वजह मिल जाए साथ जितना भी बिताया

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: चार लाइन दोस्तों के नाम- काश फिर मिलने की वजह मिल जाए साथ जितना भी बिताया वो पल मिल जाए, चलो अपनी अपनी आँखें बंद कर लें, क्या पता ख़्वा
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बों में गुज़रा हुआ कल मिल जाए.. मौसम को जो महका दे उसे 'इत्र' कहते हैं जीवन को जो महका दे उसे ही 'मित्र' कहते है l क्यूँ मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त क्यूँ गम को बाँट लेते हैं दोस्त न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं दोस्त

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