कुछ सालों बाद न जाने क्‍या समां होगा न जाने कौन दोस्‍त कहां होगा फिर मिलना हुआ

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कुछ सालों बाद न जाने क्‍या समां होगा न जाने कौन दोस्‍त कहां होगा फिर मिलना हुआ तो मिलेगें यादों में जैसे सूखे गुलाब मिलते हैं किताबों में। happy friendship day

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