कोई समझे ना समझे हम को बेशक मगर आप तो समझते हैं SHARE FacebookTwitter कोई समझे ना समझे हम को बेशक मगर आप तो समझते हैं; अपना बनाते हैं मेरे हर गम को तभी तो हम संभलते हैं; खुदा हर एक ख़ुशी दे आपको हर एक गम हमको नसीब हो; बस यही दिल में सोचकर हर एक दुआ करते हैं। सुप्रभात!More SHARE FacebookTwitter