भोर प्रभात के होते ही सृष्टि सारी निखर गयी

SHARE

भोर प्रभात के होते ही सृष्टि सारी निखर गयी;
रात के सारी घेराबन्धी, एक पल में ही बिखर गयी;
चढ़ कर आया जब सूरज ऊपर गगन में;
फ़ैल गयी यह रौशनी सारे चमन में।
सुप्रभात!

SHARE