दुनिया है पत्थर की ये जज्बात नहीं समझती SHARE FacebookTwitter दुनिया है पत्थर की ये जज्बात नहीं समझती; दिल में जो छुपी है वो बात नहीं समझती; चाँद तन्हा है तारों की बारात में; पर ये दर्द ज़ालिम रात नहीं समझती। शुभ रात्रि!More SHARE FacebookTwitter
आंसू होते नहीं बहाने के लिए; गम होते हैं पी जाने के लिए; कभी दिल से मत सोचना कि.......Read Full Message
अंग्रेजी में, "गुड नाईट"। हिंदी में, "शुभ रात्री"। उर्दू में, "शब्बा खैर"। कन्नड़ में, "यारंद.......Read Full Message
इस प्यारी सी 'रात' में; प्यारी सी 'नींद' से पहले; प्यारे से 'सपनों' की आशा में;.......Read Full Message