ये दुनियाँ ठीक वैसी है जैसी आप इसे देखना पसन्द करते हैं SHARE FacebookTwitter ये दुनियाँ ठीक वैसी है जैसी आप इसे देखना पसन्द करते हैं. यहाँ पर किसी को गुलाब में काँटे नजर आते हैं तो किसी को काँटों में गुलाबMore SHARE FacebookTwitter
Power of positive thinking. एक मनोवैज्ञानिक स्ट्रेस मैनेजमेंट के बारे में, अपने दर्शकों से मुखातिब था.. उसने पानी से भरा एक ग्लास उठाया... सभी ने समझा की अब "आधा खाली या आधा भरा है".. यही पूछा और स.......Read Full Message